वाह रे इन्सान
मन मे माया मंदिर में ढूंढे राम,
रंग बिरंगी तेरी रचना मान गये तुझको इन्सान।
रंग बिरंगी तेरी रचना मान गये तुझको इन्सान।
जीते जी ना दो पल साथ बिताते,
मरने के बाद करीबी था मेरा जोर से चिल्लाते।
मरने के बाद करीबी था मेरा जोर से चिल्लाते।
राह चलत को ठोकर खुद है बनाते,
सफल होने पर साथ जश्न मनाते।
सफल होने पर साथ जश्न मनाते।
देख तेरी रंग बिरंगी रचना दंग है भगवान,
मन मे माया मंदिर में ढूंढे राम,
रंग बिरंगी तेरी रचना मान गये तुझको इन्सान।
मन मे माया मंदिर में ढूंढे राम,
रंग बिरंगी तेरी रचना मान गये तुझको इन्सान।
______कुमार उमेश।
👉 मेरी रचना को पूरा पढने के लिए दिल की गहराइयों से धन्यवाद 🙏


0 टिप्पणियाँ
Thanks for coming in my blog, if you have any inquiry please contact with me