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वैरागी hindi poem by Vyas dev Thakur



वैरागी 

मेरी रचना पढने के लिए में आप सब का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूँ 🙏

👉 कविता का भावार्थ यह कविता वैराग्य पर आधारित है जिसमें कवि जीवन के मोह माया से दूर रहने का संदेश देने का प्रयत्न कर रहे हैं। 

में तो हूँ वैरागी 
ना सम्मान का लोभ 
ना अपमान का भय
 
ना कोई अपना 
ना कोई पराया 

ना कोई मित्र
 ना कोई शत्रु 

ना भूत का पश्चाताप 
ना भविष्य की चिंता 

ना प्रेम की इच्छा 
ना घृणा का द्वेष 

ना जीने की खुशी 
ना मरने का गंम 

बस इसी अन्दाज़ में जी रहा हूँ में,
क्यूँकी में तो हूँ वैरागी। 



 कवि – व्यास देव ठाकुर 



👉अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद 🙏

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3 टिप्पणियाँ

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